प्राचीन काल में एक राजा को एक बेटी पैदा हुयी लेकिन उसने अपने पुरे राज्य में घोषणा करावा दिया कि उसको पुत्र रत्न प्रप्त हुआ है। अपनी राजकुमारी को राजकुमार के पोशाक में रखने लगा और राजकुमारी को सभी लोग राजकुमार के ही रूप में जानने लगे । जब राजकुमारी बड़ी हो गयी तो उसकी शादी एक राजकुमारी से तय कर दिया गया । राजकुमारी राजकुमार के वेश में दूल्हा बनकर बारातियों के साथ निकल पड़ी । रास्ते में एक जंगल में बारात के लोग विश्राम के लिए रुके । सभी बाराती खानाखाकर सो गए पर दुल्हे के आँखों से नींद गायब थी और घोर चिंतामग्न होकर वेचैनी से टहल रहा था । दूल्हा यह सोचकर परेशान था कि आज के बाद दो राजकुमारियों का जीवन बर्बाद हो जायेगा । तभी घुमते घुमते जंगल के देवता वही से गुजर रहे थे तो उन्होंने देखा की एक सुन्दर राजकुमार इतना वेचैन क्यों है । उन्होंने राजकुमार के पास आकार पूछा - बेटा तुम इतने चिंतित क्यों हो । कौन सी समस्या है जिससे आप इतने परेशान हो। राजकुमार (दूल्हा ) ने कहा - हे अनजान पथिक आपको हमारी समस्यायों से क्या लेना देना । आपके पास हमारी समस्या का समाधान नहीं है \। कृपया आप जाये । इस पर उस अनजान व्यक्ति ने कहा - मैं जंगल का देवता हूँ और आपकी समस्या का समाधान कर सकता हूँ । इतना सुनाने के बाद राजकुमार ने कहा - मै राजकुमारी हूँ पर मेरे पिता ने मुझे राजकुमार घोषित कर दिया और मैं राजकुमार के रूप में पुरे देश में जाने जनि लगी और आज मुझे दूल्हा बनाकर एक राजकुमारी से शादी करने के लिए जाना पड़ रहा है ।मै इस बात से परेशान हूँ कि एक राजकुमारी दुसरे राजकुमारी से शादी करने जा रही है और आज इक साथ दो जिंदगी तबाह हो जाएगी ।
जंगल के देवता ने कहा मेरे साथ आओ मै तुम्हारी समस्या का समाधान करता हूँ । दोनों एक सुनसान जगह पर गए । वहां पहुच कर जंगल के देवता ने कहा इसी स्थान पर मै आज तुम्हारा लिंग परिवर्तन करूँगा । कुछ समय के लिए मै स्त्री बन जाऊंगा और तुम पुरुष । जब तुम्हारी घर गृहस्ती बस जाये , तुम्हे संतान की प्राप्ति हो जाये तो इसी जगह पर आना और मुझे स्मरण करना । मै यहाँ उपस्थित हो जाऊंगा और पुनः अपना लिंग वापस ले लूँगा ।
कुछ समय बाद जब राज कुमार को संतान प्राप्त हो गयी । शर्त के अनुसार राजकुमार उस सुनसान जगह पर पहुचकर लिंग परिवर्तन के लिए उस देवता का स्मरण किया । देवता कुछही क्षणों उपस्थित हो गए । राजकुमार ने देवता को नमन करते हुए कहा कि हे देव हमारी दुनिया बस गयी अब आप अपना लिंग वापस ले लीजिये और मुझे पुनः राजकुमारी बना दीजिये । राजकुमार की बात सुनकर देवता रो पड़े । राजकुमार ने कहा आप क्यों रो रहे है ? जंगल के देवता ने कहा - हे राजकुमार अब मै अपना लिंग वापस नहीं ले सकता हूँ । राजकुमार ने कहा क्यों ? देवता ने कहा कि मुझे लिंग परिवर्तन की शक्ति इसी शर्त पर मिली थी की मै लिंग परिवर्तन और वापस लेने तक के बिच में किसी से सम्भोग नहीं करूँगा । लेकिन जब मै स्त्री बनी तो मुझे स्त्री सुख पाने की इक्षा जगी और मैंने सम्भोग कर लिया । अतः अब मै अपना लिंग वापस नहीं ले सकता हूँ । तुम जाओ और राजकुमार की तरह जिंदगी व्यतीत करो । जब राजकुमार जाने लगा तो देवता ने कहा - एक बात याद रखना जिंदगी में कभी भी मेरी तरह सीमा से हटकर किसी की मदद मत करना नही तो तुम्हारी भी दशा मेरी जैसी हो जाएगी ।
जंगल के देवता ने कहा मेरे साथ आओ मै तुम्हारी समस्या का समाधान करता हूँ । दोनों एक सुनसान जगह पर गए । वहां पहुच कर जंगल के देवता ने कहा इसी स्थान पर मै आज तुम्हारा लिंग परिवर्तन करूँगा । कुछ समय के लिए मै स्त्री बन जाऊंगा और तुम पुरुष । जब तुम्हारी घर गृहस्ती बस जाये , तुम्हे संतान की प्राप्ति हो जाये तो इसी जगह पर आना और मुझे स्मरण करना । मै यहाँ उपस्थित हो जाऊंगा और पुनः अपना लिंग वापस ले लूँगा ।
कुछ समय बाद जब राज कुमार को संतान प्राप्त हो गयी । शर्त के अनुसार राजकुमार उस सुनसान जगह पर पहुचकर लिंग परिवर्तन के लिए उस देवता का स्मरण किया । देवता कुछही क्षणों उपस्थित हो गए । राजकुमार ने देवता को नमन करते हुए कहा कि हे देव हमारी दुनिया बस गयी अब आप अपना लिंग वापस ले लीजिये और मुझे पुनः राजकुमारी बना दीजिये । राजकुमार की बात सुनकर देवता रो पड़े । राजकुमार ने कहा आप क्यों रो रहे है ? जंगल के देवता ने कहा - हे राजकुमार अब मै अपना लिंग वापस नहीं ले सकता हूँ । राजकुमार ने कहा क्यों ? देवता ने कहा कि मुझे लिंग परिवर्तन की शक्ति इसी शर्त पर मिली थी की मै लिंग परिवर्तन और वापस लेने तक के बिच में किसी से सम्भोग नहीं करूँगा । लेकिन जब मै स्त्री बनी तो मुझे स्त्री सुख पाने की इक्षा जगी और मैंने सम्भोग कर लिया । अतः अब मै अपना लिंग वापस नहीं ले सकता हूँ । तुम जाओ और राजकुमार की तरह जिंदगी व्यतीत करो । जब राजकुमार जाने लगा तो देवता ने कहा - एक बात याद रखना जिंदगी में कभी भी मेरी तरह सीमा से हटकर किसी की मदद मत करना नही तो तुम्हारी भी दशा मेरी जैसी हो जाएगी ।